Dr. Manish Shrivastava
डॉ मनीष श्रीवास्तव जी द्वारा लिखित और इंडिका के सौजन्य से क्रांतिदूत शृंखला के अंतर्गत 10 किताबों का संकलन प्रकाशित किया जाना है। भारत के सुने-अनसुने, जाने-अनजाने क्रांतिदूतों की यह जीव- गाथा आपको उनके समय में ले जाए, यही लेखक की कोशिश रही है। उसी क्रम की पहली प्रस्तुति है क्रांतिदूत #Kashi
डॉ. मनीष श्रीवास्तव जिनकी जन्मभूमि झांसी रही है, एक फार्मास्यूटिकल कम्पनी में तीस साल तक कार्य करने के बाद, अब इंडोनेशिया में रहकर पूर्ण रूप से अपने लेखन व्यस्त हैं। उनके दो उपन्यास, रूही- एक पहेली और मैं मुन्ना हूँ प्रकाशित हो चुके हैं। वर्तमान में वो 10 पुस्तकों की श्रृंखला क्रांतिदूत पर कार्य कर रहे हैं। क्रांतिदूत शृंखला के तीन भाग झांसी फाइल्स, काशी और मित्रमेला पाठकों के समक्ष आ चुकी हैं और काफी सराही जा रही है।